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किसी भी पद के लिए ली जाने वाली लिखित परीक्षा प्रसिजर ऑफ रिजेक्शन होती है, जबकि इंटरव्यू प्रसिजर ऑफ सिलेक्शन होता है। कहने का मतलब यह है कि लिखित परीक्षा में आपका एम्प्लॉयर ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को रिजेक्ट करने के मूड से बैठता है। इसके उलट इंटरव्यू में एम्प्लॉयर सिलेक्ट करने के मूड में होता है। वह चाहता है कि आप कुछ ऐसा कहें जिसके बहाने वह आपको चुन ले। 

जाहिर है, इंटरव्यू देने पूरी उम्मीद और भरोसे के साथ जाएं कि यह नौकरी आप ही को मिलेगी। लेकिन इस भरोसे और उम्मीद के ऊपर कुछ कारगर टिप्स की टॉपिग करना भी जरूरी है। एक्सर्पट्स से बात करके ऐसे ही कुछ टिप्स दे रहे हैं प्रभात गौड़:

पांच गलतियां
1. देर से पहुंचना
इंटरव्यू में देर से पहुंचने का मतलब है, एम्प्लॉयर पर आपका पहला इंप्रेशन ही गलत पड़ गया। तय समय से एक मिनट की देरी भी आपके सब किए कराए पर पानी फेर सकती है। जाहिर है, इंटरव्यू की जगह आदि के बारे में ठीक से पता कर लें और इस हिसाब से घर से निकलें कि समय से 10 मिनट पहले ही पहुंच जाएं।

2. खराब डेसिंग सेंस
इंटरव्यू रूम में घुसते ही सबसे पहला इंप्रेशन आपका डेसिंग सेंस डालता है। अगर कैजुअल, फंकी और स्टाइलिश बनकर इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो समझिए आप शुरुआती लड़ाई ही हार गए। सही ड्रेस न होने से आपका कॉन्फिडेंस लेवल भी कम रहेगा इसलिए इंटरव्यू में जाने से पहले ड्रेस के बारे में सही से तय कर लें।

3. कम्यूनिकेशन स्किल्स में समस्या
अक्सर देखा जाता है कि कैंडिडेट के पास स्किल्स भी हैं, योग्यता भी है और अनुभव भी, लेकिन कम्यूनिकेशन स्किल्स में उसका हाथ तंग है। ऐसे में आपका पूरा अनुभव और स्किल्स कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाएंगे। एक ही माध्यम को अपनाएं। या तो सिर्फ अंग्रेजी या सिर्फ हिंदी। हिंग्लिश का प्रभाव गलत पड़ता है।

4. झूठ का सहारा
रेज्युमे में और इंटरव्यू के दौरान झूठ का सहारा लेना एक बड़ी गलती है। कई स्टूडेंट्स कभी झूठा अनुभव दिखा देते हैं तो कभी इंटरव्यू में पूछे गए सवालों के जवाब गोलमोल दे देते हैं। आजकल कंपनियां आपके दावों को क्रॉस चेक भी करने लगी हैं। बेहतर यही है कि जो बोला और लिखा जाए, वह पूरी तरह सही हो।

5. नेगेटिव एटिट्यूड
कई कैंडिडेट इंटरव्यू के दौरान थके हुए, उत्साहहीन, चिंतित या बोर नजर आते हैं। कई कैंडिडेट्स का रवैया इंटरव्यू बोर्ड के किसी सदस्य के साथ हठीला भी हो जाता है। ऐसी बातें कैंडिडेट की पर्सनैलिटी को नेगेटिव साबित करती है। पूरे इंटरव्यू के दौरान अपने व्यवहार और बॉडी लैंग्वेज का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

1. इंटरव्यू से पहले तैयारी
- रेज्युमे पढ़ें
इंटरव्यू देने जाने से पहले एक बार अपना रेज्युमे अच्छी तरह से पढ़ लें। कहीं ऐसा न हो कि आपने अपने रेज्युमे में कोई सूचना दे रखी है और पूछने पर कुछ और बता दिया।

- मॉक इंटरव्यू
इंटरव्यू देने जाने से पहले अपने दो-तीन साथियों के साथ दो-चार मॉक इंटरव्यू कर लें। मतलब आपके साथी इंटरव्यू बोर्ड बनें। आप उन्हें इंटरव्यू दें और उनसे अपना आकलन कराएं। हालांकि अचानक छोटी-सी कॉल पर होने वाले प्राइवेट कंपनियों इंटरव्यू में ऐसा करने का मौका नहीं मिलता, लेकिन अगर किसी सरकारी नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो मॉक इंटरव्यू जरूर कर लें।

- साथ क्या ले जाएं
आपके पास एक पूरी फा
इल होनी चाहिए। इस फाइल में रेज्युमे की एक कॉपी रखें। सभी ओरिजनल सर्टिफिकेट और उनकी एक एक फोटोकॉपी हो और हो सके तो तीन फोटो भी अपने साथ रखें। पेन तो आपके पास होना ही चाहिए।

- ड्रेस का चुनाव
इंटरव्यू में जाने के लिए सिंगल ब्रेस्टेड सूट पहनना सबसे अच्छा होता है। कोट के सभी बटन लगाकर रखें। पैंट को हिप्स पर नहीं, वेस्ट पर बांधें। जहां तक रंग का सवाल है, ग्रे या नेवी ब्लू में से कोई भी एक कलर का सूट अपने लिए चुना जा सकता है। इसके नीचे वाइट कलर की शर्ट या फिर कोई और लाइट कलर की कॉटन शर्ट पहनें। इससे आपको पसीना कम आएगा और आप कंफटेर्बल महसूस करेंगे।

-टाई सिल्क की हो तो अच्छा है। इससे नॉट अच्छी लगती है। टाई का कलर शर्ट के कलर से कंट्रास्ट होना चाहिए।

-बेल्ट का कलर जूतों के कलर जैसा होना चाहिए और बेल्ट के बकल का कलर आपकी घड़ी से मैच करना चाहिए।

-जुर्राब आपके सूट के कलर से मैच करने चाहिए। ब्लैक सूट के साथ ब्लैक जुर्राब। ब्लैक जुर्राब गहरे रंग के किसी भी सूट के साथ चल सकते हैं।

-जूतों पर अच्छी तरह पॉलिश हो और उनके फीते टूटे-फटे न हों।

-जूलरी न पहनें तो ही अच्छा है, लेकिन अगर पहनना ही चाहते हैं, तो सिर्फ एक अंगूठी पहन सकते हैं। पुरुष कानों में भूलकर भी कुछ न पहनें। महिलाएं अंगूठी के अलावा कानों और नाक में बेहद जरूरी जूलरी पहन सकती हैं।

-महिलाएं हाई हील न पहनें। नेल पेंट और मेकअप न हो तो अच्छा है। 

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