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क्या दिलाए इंटरव्यू में कामयाबी
कहने को तो हर किसी का कपड़े पहनने, उठने-बैठने का अपना तौर-तरीका होता है, लेकिन कुछ मैनर्सऔर एटिकेट्स उन्हें दूसरों से अलग और बेहतर बनाते हैं। ऐसा मुमकिन होता है मैनर्स को लेकर उनकी समझ और काम करने की नफासत से। इमेज कंसल्टेंट जसप्रीत कौर से बातचीत के आधार पर ड्रेसिंग, डाइनिंग और कम्यूनिकेशन के मैनर्स बता रही हैं
- एक मल्टिनैशनल कंपनी का ऑफिस। मैनेजर की पोस्ट के लिए इंटरव्यू हो रहे हैं। नेहा अंदर आती हैं और बड़े अदब के साथ इंटरव्यू बोर्ड के मेंबर्स को हलो बोलती हैं। बोर्ड मेंबर्स की निगाह उन पर पड़ती है तो कुछ पल के लिए ठहर जाती है। नेहा की पर्सनैलिटी उन्हें प्रभावित करती है। इसके बाद फॉर्मल इंटरव्यू शुरू होता है। इंटरव्यू अच्छा होता है, हालांकि नेहा को लगता है कि एक-दो सवालों का जवाब वह और बेहतर दे सकती थीं। फिर भी नेहा का सिलेक्शन हो जाता है। वजह, बोर्ड मेंबर्स को नेहा की पर्सनैलिटी (ड्रेसिंग सेंस, बैठने का तरीका, बातचीत करने का सलीका आदि) काफी पसंद आते हैं। हालांकि नेहा को लुक के मामले में औसत ही कहा जाएगा। फिर भी अपने मैनर्स और सलीकों से वह जहां जाती हैं, दूसरों पर छा जाती हैं।
दूसरी ओर मोहित हैं, जोकि काफी गुड लुकिंग हैं। अच्छे पैसे वाले घर से हैं, लेकिन न कपड़े पहनने का शऊर है, न ही बातचीत का सलीका। ऐसे में अक्सर लोग मोहित से दूरी बनाना ही पसंद करते हैं।
दरअसल, जब हम किसी से मिलते हैं तो पहले इंप्रेशन से ही हमारी इमेज सामनेवाले पर बनती है। इस इमेज को बनाने में हमारे पहनने, उठने-बैठने, बोलने और बॉडी लैंग्वेज आदि का काफी रोल होता है। इसके अलावा, आप फोन पर कैसे बात करते हैं, डायनिंग टेबल पर या रेस्तरां में नॉर्मली आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, लिफ्ट का इस्तेमाल या किसी के साथ चल रहे हों तो गेट खोलने जैसी बातों में किस चीजों का ध्यान रखन चाहिए, ये काफी अहम होते हैं। चलिए जानते हैं इन्हीं सब चीजों से संबंधित मैनर्स और तौर-तरीकों के बारे में।
फायदे हैं तमाम
-सही मैनर्स से आप दूसरों का दिल जीत पाते हैं
-दूसरों पर आपका फर्स्ट इंप्रेशन पॉजिटिव बनता है
-करियर में आगे बढ़ने में मदद मिलती है
-अपना स्टेटस बेहतर करने में मदद मिलती है
- मैनर्स फॉलो कर कई बार आप खुद को परेशानी से बचा लेते हैं तो कई बार आसपास के लोगों को
स्टाइल में रहने का...
-हमेशा मौके के मुताबिक कपड़े पहनें, मसलन देखें कि आप फॉर्मल, कैजुअल या सेलिब्रेशन कौन-से मौके पर शिरकत कर रहे हैं। ड्रेस ऐसी हो, जो आपकी स्ट्रेंग्थ को उभारे और कमजोरी को छुपाए।
- ड्रेस के मामले में हमेशा क्वांटिटी से ज्यादा क्वॉलिटी पर जोर दें। कोशिश करें कि अच्छे ब्रैंड के कपड़े खरीदें।
- सेलिब्रेशन या कैजुअल मौकों पर तो आप अपनी पसंद के मुताबिक कुछ भी पहन सकते हैं, लेकिन फेस्टिवल के मौकों पर महिलाओं के लिए साड़ी-सूट और पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा सबसे बेहतर है।
- किसी भी सेलिब्रेशन या फेस्टिवल में इतना हेवी न पहनें कि आप जरी या जूलरी की दुकान लगने लगें। अगर ड्रेस हेवी है तो मेकअप लाइट रखें। मैचिंग के चक्कर में दोनों को हेवी न करें। अगर लाइट ड्रेस है तो मेकअप थोड़ा हेवी करके फेस्टिव लुक बनाएं।
कॉर्पोरेट या फॉर्मल ड्रेसिंग
पुरुष और महिला, सभी को अपनी बॉडी शेप और कलर के मुताबिक ड्रेस चुननी चाहिए। कैजुअल या फेस्टिव मौकों पर हमें कुछ भी पहनने की छूट होती है, वहीं फॉर्मल ड्रेसिंग के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- फॉर्मल ड्रेसिंग में शर्ट बहुत अहम है। पूरी बाजू की प्लेन कॉटन शर्ट पहनना बेहतर रहता है। सिल्क की शर्ट पार्टी के मौकों पर पहन सकते हैं। सेमी-फॉर्मल मौकों पर सिल्क, कॉटन या वूलन भी पहन सकते हैं। ये फैब्रिक रिच लुक देते हैं, जबकि सिंथेटिक, पॉलिस्टर आदि क्लासी नहीं लगते। स्ट्राइप वाली शर्ट स्पोर्टी लुक देती है, तो डॉट वाला प्रिंट यूथफुल फील देता है। ब्लैक शर्ट फॉर्मल कतई नहीं है।
- पेंट की लंबाई इतनी हो कि नीचे से सॉक्स नजर न आएं। आधे शूज को कवर करनेवाली लंबाई सही है।
- कोट पहन रहे हैं तो उसके नीचे से शर्ट के करीब आधा इंच कफ दिखने चाहिए।
- टाई पहनें। टाई की लंबाई बेल्ट का बकल जहां शुरू होता है, उससे थोड़ा नीचे तक होनी चाहिए। इससे कम या ज्यादा लंबाई वाली टाई न पहनें।
- किसी भी पैंट या ट्राउजर में लूप्स हैं तो बेल्ट जरूर पहनें। फॉर्मल बेल्ट 1.5 इंच से ज्यादा मोटी न हो। बेल्ट का कलर और टेक्स्चर शूज से मैच करता होना चाहिए। आप ब्राउन, ब्लैक या ब्रिगैंडी कलर बेल्ट यूज कर सकते हैं।
- सॉक्स मिड लेंथ वाली होनी चाहिए। वाइट सॉक्स स्पोर्ट्स सॉक्स होती हैं, इसलिए इन्हें ऑफिस में न पहनें। ब्लैक सॉक्स पहन सकते हैं, बल्कि ब्लैक ट्राउजर के साथ ब्लैक कलर के सॉक्स ही पहनना चाहिए। सॉक्स शूज और ट्राउजर से मैचिंग होना चाहिए। सॉक्स साफ हों और उनसे बदबू नहीं आनी चाहिए।
- लेस वाले शूज फॉर्मल होते हैं। इसे लेकर कन्फ्यूज न हों।
- नेहरू जैकेट को भी फॉर्मल ड्रेस के तौर पर पहन सकते हैं। जैकेट में एक, दो या तीन कितने भी बटन हों, बैठते हुए बटन खुले रखें। अगर 3 बटन हैं तो आप ऊपर के दो या एक या फिर बीच वाला बटन बंद रख सकते हैं, लेकिन हर हालात में आखिर वाला बटन खुला रहेगा।
- फॉर्मल ड्रेसिंग में घड़ी भी काफी अहम है। वाइट या ऑफ वाइट डायल की गोल्डन, सिल्वर या लेदर स्ट्रैप वाली घड़ी पहनें। राइटिंग पेन आपके बिजनेस लुक को पूरा करता है।
- सारे मेटल एसेसरीज़ जैसे कि बेल्ट का बकल, घड़ी, कफलिंक्स और पेन मैचिंग यानी एक ही कलर के होने चाहिए।
- ऑफिस में डेनिम तभी पहनना चाहिए, अगर कंपनी पॉलिसी इसकी इजाजत देती हो। अगर डेनिम पहन रहे हैं तो वह स्ट्रेट फिट या लाइट बुक कट होनी चाहिए। टेपर्ड (चिपकी हुई) न पहनें, न ही बैगी (बेहद ढीली-ढाली) पहनें।
महिलाओं के लिए
- अपनी बॉडी शेप और स्किन टोन के मुताबिक कपड़ों का चयन करें। अगर ऑफिस की बात करें तो ड्रेसिंग में अपनी पोजिशन का भी ख्याल रखें, मसलन अगर आप सीनियर हैं तो गर्ल या बॉय लुक वाले कपड़ों से बचें। डार्क कलर से अथॉरिटी झलकती है तो लाइट कलर से आप ज्यादा अप्रोचेबल लगती हैं।
- ध्यान रखें कि ऑफिस या फॉर्मल मौकों पर स्किन शो न करें। जितना ज्यादा स्किन शो होगा, उतनी ही आपकी अथॉरिटी कम होती जाएगी। कपड़े ट्रांसपैरंट न हों और अंदर से इनरवेयर न नजर आएं। ड्रेस बहुत टाइट भी न हो।
- फॉर्मल ड्रेसिंग में शर्ट, ट्राउजर्स या स्कर्ट के अलावा साड़ी को भी दुनिया भर में फॉर्मल ड्रेस के तौर पर स्वीकार किया जाता है। स्कर्ट की लंबाई घुटनों तक होनी चाहिए। इससे लंबी या छोटी स्कर्ट फॉर्मल मौकों के लिए नहीं है। किसी फॉर्मल मौके पर साड़ी भी पहन सकती हैं। लेकिन साड़ी को ढंग से पिन-अप करके पहनें। ऐसे मौकों पर स्किनी या कलरफुल जींस न पहनें।
- फॉर्मल ड्रेस के साथ बैलीज़ या पीप शूज़ पहनें। सैंडल्स या स्लीपऑन्स बिल्कुल न पहनें। शूज में 1-3 इंच की हील हो। लाइट कलर के कपड़ों के साथ लाइट कलर के शूज पहनें और डार्क कलर कपड़ों के साथ डार्क कलर शूज। वाइट सैंडल सिर्फ साड़ी या सूट के साथ सही लगते हैं।
मेकअप और एसेसरीज
- हेयरकट चेहरे की शेप के मुताबिक हो। मसलन लंबे फेस पर ऐसा हेयरकट हो, जो आपके फेस को कम लंबा दिखाए। इसी तरह गोल फेस पर लंबा दिखानेवाला हेयरकट अच्छा लगता है। बहरहाल, स्टाइल या कट जो भी, बाल हमेशा संवरे होने चाहिए। बिखरे और उड़ते बाल खराब लगते हैं। बालों में जेल लगा सकते हैं, पर दिन में तेल लगाकर न रखें। गीले बालों में ऑफिस न जाएं। महिलाएं इस बात का खास ख्याल रखें क्योंकि उनके बाल सूखने में टाइम लगता है।
- पुरुष हमेशा अच्छी तरह शेव बनाकर रखें और महिलाएं आइब्रोज़ और अपर लिप्स को अच्छी तरह थ्रेडिंग कराके रखें। ध्यान रखें, दाढ़ी और मूंछ महिलाओं के लिए नहीं, पुरुषों के लिए हैं।
- जूलरी ऐसी हो जो आपकी पूरी पर्सनैलिटी को हाइलाइट करे, न कि सारा ध्यान उसी पर जाकर टिक जाए, यानी आप क्लासी दिखें, चमक-दमक क्वीन नहीं। हेवी जूलरी के बजाय डायमंड या पर्ल्स या स्टोन्स की हल्की जूलरी पहनें।
- आपके मुंह या शरीर से बदबू नहीं आनी चाहिए। अगर मुंह से बदबू आती है तो डॉक्टर से मिलें और ऐसी चीजें (लहसुन, प्याज, मूली आदि) न खाएं जिन्हें खाने से मुंह से बदबू आती हो। साथ ही, माउथ फ्रेशनर रेग्युलर तौर पर यूज करें।
- परफ्यूम या डियो जरूर लगाएं। डियो कम देर टिकता है, जबकि परफ्यूम लंबे समय तक काम करता है। डियो या परफ्यूम कपड़ों के बजाय शरीर पर लगाना चाहिए और इसके 3 स्प्रे काफी हैं। दिन में हल्की सुगंध और रात के फंक्शन के लिए हेवी परफ्यूम यूज करें। डेली वेयर के तौर पर यूज होनेवाले परफ्यूम 4000-6000 रुपये तक में मिल जाते हैं।
- हल्का मेकअप करें। इसके बिना आपका लुक अधूरा है। मेकअप में पहले सनस्क्रीन, फिर मॉश्चराइजर लगाएं। इसके बाद स्किन से मैचिंग फाउंडेशन लगाएं। अच्छी तरह ब्लेंड (मिलाना) कर लें। मस्कारा लगाएं। ऑफिस में रेड/मरून लिपिस्टिक के बजाय पिंक, पीच जैसे पेस्टल शेड यूज करें। लिपस्टिक खराब नहीं भी हुई है तो भी एक साल से ज्यादा यूज न करें।
- बेहतर है कि नाखून अच्छी तरह शेप में हों और साफ हों। अगर ऑफिस में नेल पेंट लगाना चाहते हैं तो न्यूड या ट्रांसपैरंट्स नेट पेंट लगाना बेहतर है।
- पर्स भी शरीर के साइज के मुताबिक यूज करें तो बेहतर है। यानी अगर आप दुबली-पतली और छोटी हैं तो बहुत बड़े साइज का पर्स अच्छा नहीं लगेगा। इसी तरह लंबी या मोटी महिलाओं पर बहुत छोटा पर्स नहीं फबेगा।
कम्यूनिकेशन
- फोन पर बात करने का भी सलीका है। कभी भी जोर से चिल्ला-चिल्ला कर बात न करें। किसी को भी फोन करें तो पहले अपना नाम, फिर कंपनी का नाम या जिस भी पहचान से वह पहचान बताएं, उसका जिक्र स्माइल के साथ करें। स्माइल के साथ बात करेंगे तो फोन के दूसरी ओर मौजूद शख्स को आपकी आवाज से यह महसूस हो जाएगा, बेशक वह आपको देख न पा रहा हो।
- ऑफिस या सर्वजनिक जगहों पर फोन साइलंट मोड पर हो तो बेहतर है। रिंगटोन का वॉल्यूम कम रखें और धूम-धड़ाके वाले फिल्मी गानों को रिंगटोन बनाने से परहेज करें। किसी के कॉल को 20 सेकंड से ज्यादा होल्ड न करें। अगर बीच में दूसरी कॉल अटेंड करना जरूरी है तो पहले वाली को सॉरी बोलकर काट दें। दूसरी कॉल अटेंड करके पहले वाले शख्स को दोबारा फोन मिलाएं।
- आस-पास लोग हैं तो कोशिश करें कि अपनी मदर टंग में बात न करें। अगर करना ही चाहते हैं तो बाहर जाकर बात करें।
- जब किसी से मिलें तो विजिटिंग कार्ड दोनों हाथों में थामकर सामनेवाली की आंखों में आंखें डालकर दें। इससे आपका कॉन्फिडेंस दिखता है और ऑनर भी। इसी तरह विजिटिंग कार्ड रिसीव भी दोनों हाथों से करना चाहिए। एक बार कार्ड लेकर उस पर निगाह जरूर डालें।
- ऑफिस की ईमेल्स लिखते हुए प्लीज और थैंक्यू यूज करें। शुरुआत डियर से करें। ऑफिशल मेल्स की सब्जेक्ट लाइन शॉर्ट और क्रिस्प होनी चाहिए। ऑफिस के मेल रेड कलर में न लिखें, न ही कैप्स ऑन करके लिखें। नीचे अपना नाम जरूर लिखें।
- अगर किसी इन्विटेशन के नीचे RSVR लिखा है तो इसका मतलब है कि अपनी मौजूदगी या गैर-मौजूदगी को कन्फर्म करें यानी आप प्रोग्राम में आएंगे या नहीं, यह पहले से बता दें।
डाइनिंग
- अगर किसी रेस्तरां में बैठे हैं तो वेटर को बुलाने के लिए उसकी तरफ देखें। एक बार आई कॉन्टैक्ट होने के बाद उस उंगली से इशारा करके बुलाएं। जब वह करीब आ जाए तो नेम प्लेट पर उसका नाम पढ़ें और उसके नाम से बुलाएं। नेम प्लेट नहीं है तो वेटर का नाम पूछें और फिर बुलाएं।
- कटलरी और गिलासों की पहचान कर लें। मसलन कौन-सा स्पून या फोर्क किस काम का है, यह जान लें। मेन कोर्स के लिए बड़े स्पून और फोर्क यूज होते हैं, जबकि स्टार्टर, सलाद और डेजर्ट के लिए छोटे।
- रेड वाइन का गिलास थोड़ा बड़ा और गोल होता है, जबकि वाइट वाइन का पतला और लंबा। सबसे बड़ा गिलास पानी का होता है।
- अगर आप शराब नहीं पीते तो भी गिलास में डालने और सबसे साथ चीयर्स करना चाहिए। इसके बाद बेशक आप न पिएं।
- नैपकिन को खोलकर गोद में बिछा लें। गले में न लगाएं।
- मुंह खोलकर या मुंह से आवाज करके न खाएं। अगर स्पून नीचे गिर गया है तो उसे यूज न करें और न ही खुद उठाएं। खुद सर्व करने या प्लेट समेटने के बजाय यह काम वेटर को करने दें।
- कोई नमक मांगे तो साथ में मिर्च भी दें। दोनों को साथ देना मैनर्स में आता है। रोटी या सब्जी पहले अपने राइट साइज वाले को बढ़ाएं।
- अगर मुंह गंदा हो गया है तो नैपकिन को तिकोना करके पहले और दूसरी उंगली के बीच फंसा लें और उस कोने से मुंह को साफ करें। पूरा चेहरा या नाक कभी नैपकिन से साफ न करें।
- अगर घर में किसी को खाने पर इन्वाइट किया है तो प्लेट्स उठाते वक्त सारी प्लेट्स का बचा खाना एक में डालकर सारे प्लेट्स एक के ऊपर एक रखकर उठाने की कोशिश न करें। एक बार में एक प्लेट उठाएं और अंदर रखकर आएं।
लिफ्ट और एस्क्लेटर
- लिफ्ट में चढ़ते हुए पहले अंदरवालों को बाहर निकलने दें, फिर अंदर जाएं। अंदर जाकर बीच में या आगे की तरफ खड़े न हों, चाहे आपको पहले ही क्यों न उतरना हो। पीछे के कोने में जाएं, दूसरा कोई आए तो उसे दूसरे कोने में जाना चाहिए। इसी तरह चारों कोनों के भरने के बाद बीच की जगह पर लोगों को खड़ा होना चाहिए।
- एस्क्लेटर पर चढ़ने के बाद उसे सीढ़ियों की तरह यूज न करें यानी एक जगह खड़े होने के बाद वहीं खड़े रहें। सीढ़ियों की तरह ऊपर चढ़ते न जाएं। इससे आगे खड़े लोगों को असुविधा होती है। यही करना है तो सीढ़ियां यूज करें।
कुछ और खास बातें
- किसी से भी मिलते हुए अपनी बॉडी लैंग्वेज का ख्याल रखें। आपका अपने शब्दों पर कंट्रोल हो सकता है, बॉडी लैंग्वेज पर नहीं। बॉडी लैंग्वेज बहुत-सी बातों को बिना कहे ही बता देती है। आप किसी से कहना नहीं चाहते कि उसकी वजह से आपके काम में दखल हो रहा है तो पहले आप बार-बार घड़ी देखेंगे। अगर वह नहीं समझा तो फिर आप खड़े हो जाएंगे। फिर दरवाजे की तरफ बढ़ने लगेंगे। इससे आपके बिना बोले भी सामनेवाला समझ जाएगा कि आप लेट हो रहे हैं और अब उसे एंटरटेन नहीं कर सकेंगे। ऐसा करते हुए सामनेवाले को आपकी बॉडी लैंग्वेज से अकड़ूपन या बेरुखी नजर नहीं आनी चाहिए।
- सोशल एटिकेट्स की बात करें तो वहां जेंडर काफी मायने रखता है यानी महिलाओं को तवज्जो या प्राथमिकता देनी चाहिए लेकिन बिजनस एटिकेट्स में सीनियॉरिटी ज्यादा मायने रखती है। वहां जेंडर से कोई सरोकार नहीं होता। जो सीनियर है, उसे ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
- अपने फैमिली वालों या दोस्तों के अलावा किसी के भी साथ कैजुअल नहीं होना चाहिए। एक फुट तक पर्सनल स्पेस होता है। अजनबियों या फॉर्मल रिलेशनशिप वालों के इससे ज्यादा करीब जाने की कोशिश न करें।
- अगर आप किसी गेट से बाहर या अंदर हो रहे हैं और दूसरे लोगों के साथ हैं तो सबसे लिए लिए गेट खोलकर खड़े होने की जरूरत नहीं है। लाइन में जो आगे है, वह दूसरे के लिए खोलेगा, उससे पीछे वाला अपने पीछेवाले के लिए गेट खोलकर रखेगा, जब तक कि वह उसे पकड़ न ले।
- किसी महिला के लिए घर, ऑफिस या कार का दरवाजा खोलना या उसे सीट ऑफर करना भी मैनर्स में आता है। इसके अलावा बुजुर्गों के लिए भी गेट खोलें और सीट ऑफर करें।
- और आखिर में, अगर आप दूसरों से इज्जत चाहते हैं तो आपको उन्हें इज्जत बख्शनी होगी। फिर चाहे, भाषा हो या बॉडी लैंग्वेज... आपको इन पर संयम रखना होगा।पाइए संडे
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